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Sunday, March 6, 2011

AADIWASION NETA HE KAR RAHE HE AADIWASION KA SOSAND

आदिवासी नेता ही कर रहे हे आदिवासी का सोसण :- हरी सिंह मरावी ''गोंडवाना''

हम दुसरो पर अभी तक आरोप लगा रहे थे ,लेकिन आज़ादी के बाद जितने भी नेता आदिवासी समाज के बने वे सभी सोसण ही करे, जिनोहने कुछ करना चाहा वे आज अँधेरे में हे , पूर्वोत्तर राज्यों में छठी अनुसूची लागु हे, लेकिन राजस्थान,मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़, Jharखंड  ,गुजरात  में आदिवासी छेत्रो में लागु नहीं हे, क्योकि यंहा के आदिवासी जनप्रतिनिधियों ने अनुसूची का ही विरोध किया.  जिसके कारण इन प्रदेशो में आज आदिवासी छेत्रो में ६ वी अनुसूची लागु नहीं हो सकी हे.
             आदिवासी नेतागण aarakchhd   का लाभ लेकर भूल गए की हमे उन आदिवासिओ के कारण लाभ मिला हे जो आज भी लकड़ी बेच कर अपना जीवन जी रहे हे ,मजदूरी कर अपना व अपने परिवार का पेट पल रहे हे . उन्हें न तो स्वतंत्रता दिवस  से मतलब हे. ओर न ही किसी त्यौहार से वे तो सुबह से ही सिर्फ परिवार के भरन पोसन की चिंता रहती हे.

जब देश दिवाली मनाता हे. तो हमारी माताये बहने शाम को घर में चिराग रोशनी की चिंता करती हे.
देश में महिला दिवस मनाया जाता हे , तो हमारी माताये बहने दिन भर काम करती हे.
देश में बाल दिवस मनाया जाता हे, तो हमारी माताये बहने अपने पुत्रो   को कुपोसन से बचाने में भटकती रहती हे.

देश में जब विकास की बात की जाती हे, tab इन आदिवासिओ को ujada जाता हे.
hmare janprtinidhi आदिवासिओ के ujadne के smarthan में hstakchhr karte हे !

:- हरी सिंह मरावी ''गोंडवाना''


Tuesday, February 1, 2011

mandla samajik kumbh

मंडला सामाजिक कुम्भ एक राजनैतिक कुम्भ .भाजपा आदिवासिओ की संस्कृति को नस्ट कर रही हे .


अमान सिंह पोर्ते गोंडवाना महासभा के संस्थापक सदस्य ने कहा की आदिवासी समरसता महाकुम्भ का आयोजन भाजपा एवं आर. एस. एस. संयुक्त रूप से जो  आयोजन मंडला  आदिवासी जिले में करने जा रहा हे वह सीधे सीधे आदिवासिओ की संस्कृति को नस्ट करने का संद्यंत्र हे !  महाकुम्भ से आदिवासिओ का क्या भला हो जायेगा .
इस महाकुम्भ में आदिवासी उप योजना का पैसा खर्च किया जा रहा हे . संविधान में क्या सरकार को किसी धर्म के लिए आयोजन करने का अधिकार हे . नहीं........?
 फिर यह  आयोजन से संविधान विशेषज्ञ क्यों चुपचाप बैठे हे .
पूरी सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग किया जा रहा हे .
लगभग २०० करोड़ का खर्च इस कुम्भ में किया जा रहा हे .
कल कही आदिवासी  ,सिख , इसाई, जैन या अन्य धर्म के लोग भी अपने धरम के आयोजन के  लिए पैसे मांगेगे तब सरकार 
कहा से खर्च करेगी .
क्या सिर्फ हिन्दू के लिए .
कही ऐसा तो नहीं आदिवासिओ को हिन्दू धर्म की और आकर्षित कर हिन्दू धर्मांतरण किया जा रहा हे .
जबकि आदिवासी हिन्दू नहीं हे यह हम नहीं कह रहे हे . यह भारत का सर्वोच्च न्यालय कह रहा हे .

Thursday, January 27, 2011

aadiwasi

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Saturday, January 22, 2011

GOND IS NOT HINDUS, GONDI LENGUAGE IS MOTHER LENGUAGE

                            जय सेवा जय बड़ा देव जय गोंडवाना

गर्व